The best Side of bhairav kavach

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विरचरन्त्यत्र कुत्रापि न विघ्नैः परिभूयते।





षडङ्गसहितो देवो नित्यं रक्षतु भैरवः ॥ १२॥

संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः

ನಾಸಾಪುಟೌ ತಥೋಷ್ಠೌ ಚ ಭಸ್ಮಾಂಗಃ ಸರ್ವಭೂಷಣಃ

सर्वपापक्षयं याति ग्रहणे भक्तवत्सले ॥ १२॥

भुर्जे रंभात्वचि वापि लिखित्वा विधिवत्प्भो। ।



वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

read more ॐ ह्रीं दण्डपाणिर्गुह्यमूले भैरवीसहितस्तथा ।



रणेषु चातिघोरेषु महामृत्यु भयेषु च।।

ದಿವ್ಯಾಕಲ್ಪೈರ್ನವಮಣಿಮಯೈಃ ಕಿಂಕಿಣೀನೂಪುರಾದ್ಯೈಃ

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